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Second World war ( द्वितीय विश्व युद्ध)

 द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) जिसे भारतीय उपमहाद्वीप में "द्वितीय महायुद्ध" (द्वितीय विश्व युद्ध) भी कहा जाता है, एक विश्वयुद्ध था जिसने 1939 से 1945 तक चला। यह विश्वयुद्ध द्वितीय महायुद्ध था, जिसमें बड़ी राष्ट्रों और संघर्ष दोनों में शामिल थे। यह युद्ध द्वितीय महायुद्ध था, जिसमें विश्व के कई क्षेत्रों पर लड़ा गया, सबसे अधिक प्रभावशाली जंग हितलर के नाजी जर्मनी और उसके संबंधित आदेशकों के राष्ट्रवादी और अविरोधी देशों तथा उनके संघर्ष साथियों के बीच हुई। यह युद्ध 1939 में जर्मनी की पोलैंड पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ। यह जर्मनी और उसके आलाकमानी बंगाल क्षेत्र द्वारा और उनके संघर्ष साथियों, जैसे कि इटली, जापान और अच्छाईयों के साथ युद्ध के बाद बढ़ा। यह युद्ध द्वितीय महायुद्ध के रूप में मान्यता प्राप्त करता है, क्योंकि इसमें विश्व के अधिकांश देशों ने भाग लिया। अ धिकांश राष्ट्रों के बीच द्वितीय विश्वयुद्ध के समय अलाप के लिए अंग्रेजी का उपयोग किया गया, हालांकि, यह युद्ध हिन्दी में द्वितीय विश्व युद्ध के नाम से भी जाना जाता है।

सिंधु घाटी की सभ्यता

 सिंधु घाटी की सभ्यता, इंडस नदी की तटीय क्षेत्रों में विकसित हुई एक प्राचीन सभ्यता थी जो वर्तमान भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में स्थित थी। यह सभ्यता प्राचीनतम वेदिक सभ्यताओं में से एक मानी जाती है और साम्राज्य, नगरीय विकास, वाणिज्य और आर्थिक व्यवस्था की प्राचीनतम उदाहरणों में से एक है। सिंधु घाटी सभ्यता का अवधारणात्मक और आर्किटेक्चरल विकास विशेष रूप से चिंतनशीलता और यथार्थवादी दृष्टिकोण को प्रकट करता है। सिंधु घाटी सभ्यता की महत्वपूर्ण नगरीय स्थली द्वारा सुझाए गए सूचकांकों में महत्वपूर्ण निवासी, धातुओं, संगठन, व्यापार, व्यवस्था, औद्योगिक प्रक्रिया, धार्मिक उत्सव, स्वास्थ्य सुविधाएं और शिल्प सुंदरता शामिल हैं। सिंधु घाटी सभ्यता के मुख्य स्थानों में मोहेंजोदारो और हड़प्पा शहर शामिल हैं। इन शहरों में पाए गए संगठनिक तंत्र, बड़ी सार्वजनिक इम ारतें, वाणिज्यिक कक्षाएं, अभिनव सर्वेक्षण तकनीक, शवयात्राओं के लिए सज्जित गुफाएं, बांध और तलाओं के निर्माण, रचनात्मक कला, ग्रामीण औद्योगिक उत्पादन और धातुरसायन जैसी गतिविधियां शामिल थीं। इन स्थानों में मिले लिपियों में अच्छी तरह से बने

जज कैसे बनें?

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 जज बनने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करना आवश्यक होता है: 1. कानूनी शिक्षा प्राप्त करें : जज बनने के लिए, आपको कानूनी शिक्षा प्राप्त करनी होगी। इसके लिए, आपको एक बैचलर ऑफ लॉ डिग्री (LLB) प्राप्त करनी होगी, जो किसी मान्यता प्राप्त कानून कॉलेज से प्राप्त की जा सकती है। आप इसके बाद विशेषज्ञता के लिए एक एलएलएम या एमएलएम की डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं। 2. न्यायिक सेवा परीक्षा (जजीय परीक्षा) दें : अधिकांश देशों में, जज बनने के लिए एक न्यायिक सेवा परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों की क्षमता, न्यायिक ज्ञान और व्यावसायिक योग्यता का मापन करना होता है। यह परीक्षा लोक सेवा आयोग या उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित की जाती है। परीक्षा के बाद उत्तीर्ण होने पर आप न्यायिक सेवा में शामिल हो सकते हैं। 3. न्यायिक सेवा में संघटित होने के बाद : न्यायिक सेवा में शामिल होने के बाद, आप को संघटित होना होगा। आपको प्रशिक्षण के दौरान न्यायिक कार्य और न्यायिक प्रक्रिया का अध्ययन करना होगा। आपको न्यायिक न्यायिक सेवा के निर्देशानुसार अलग-अलग न्यायालयों में काम करना होगा। Photo creadit:

पहले मुर्गी या पहले अंडा

 मुर्गी और अंडा दोनों ही पूर्वाग्रह के रूप में उत्पन्न होते हैं, इसलिए यह निर्भर करता है कि आप किस परिपक्वता तक देख रहे हैं। अंडा एक जीवित मांसपेशी का बीज होता है, जबकि मुर्गी या मुर्गा या कोई भी पक्षी इस बीज को निर्माण करता है। एक मुर्गी एक समय में एक अंडा दे सकती है, जो उसके शरीर में बनता है और इसे अंडे से बाहर निकालती है। इसके बाद अंडा अच्छी तरह से पक जाता है और यदि उसे उचित तापमान और समय पर ठंडा किया जाए, तो उससे एक नया मुर्गा या मुर्गी उत्पन्न हो सकता है। यदि हम इसका उदाहरण लें, तो पहले अंडा था और उससे एक मुर्गा या मुर्गी ने उत्पन्न हुई। इस प्रकार, अंडा मुर्गी के आने से पहले था। इसलिए, आपका प्रश्न कि "पहले मुर्गी या पहले अंडा" आपकी दृष्टि के आधार पर निर्भर करेगा कि आप किस प्रकार की उत्पादन प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

B.Ed ( bachelor of Education) कोर्स क्या है ?

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 B.Ed. (Bachelor of Education) एक स्नातक स्तर का पाठ्यक्रम है जो शिक्षा में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद आपको शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन के लिए योग्यता प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम भारतीय मानकों के अनुसार स्नातक स्तरीय शिक्षा प्रणाली में शिक्षक बनने के लिए जरूरी माना जाता है। B.Ed. कोर्स का मुख्य उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन करने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और अनुभव प्रदान करना है। यह शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा और शिक्षण के सिद्धांतों, विधियों, उद्देश्यों और माध्यमों के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करता है। यहां कुछ मुख्य कारण हैं जिनके लिए B.Ed. कोर्स किया जाता है: 1. शिक्षा क्षेत्र में करियर का विकास : B.Ed. कोर्स शिक्षा क्षेत्र में करियर के लिए मान्यता प्राप्त कोर्स है। इसके पश्चात आप विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों या अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं। 2. शिक्षा में नवीनतम तकनीकों का ज्ञान : B.Ed. कोर्स आपको शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम शिक्षण तकनीकों, विद्यार्थी मानसिकता के बारे में जागरूकता और अनुकरणीय शिक्षण पद्धतियों का अध्ययन कर

First world war ( प्रथम विश्व युद्ध)

 प्रथम विश्व युद्ध (World War I) 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चले एक महायुद्ध था जो दुनिया भर के देशों के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध का मुख्य कारण था यूरोपीय राष्ट्रों के बीच राजनीतिक, सामरिक और आर्थिक विवादों का उभरना। इस युद्ध में दो मुख्य युद्धपक्ष थे - एलाइड और एक्सेस पावर्स। एलाइड युद्धपक्ष में शामिल थे ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, जापान, अमेरिका आदि, जबकि एक्सेस युद्धपक्ष में शामिल थे जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, औस्ट्रेलिया-हंगरी, और तुर्की। इस युद्ध के दौरान नए युद्ध तकनीक जैसे गोली, बर्था, टैंक, विमान, उपग्रह, उपयोगी जासूसी, रेडियो, और केमिकल हथियारों का विकास हुआ। यह युद्ध मानव इतिहास का सबसे महंगा और माराकरी युद्धों में से एक था। लगभग 17 करोड़ से अधिक लोगों की मृत्यु हुई और इसे "विश्व महायुद्ध" या "महायुद्ध" के रूप में भी जाना जाता है। प्रथम विश्व युद्ध का समापन वर्साय (Versailles) संधि के अंतर्गत हुआ, जिसमें जर्मनी पर कठोर शर्तें लगाई गईं और विभाजन (partition) की योजना बनाई गई। यह युद्ध दूसरे विश्व युद्ध की भूमिका निभाने और वर्साय के अनुबंधों के कारण सामा

10 science Fact

 आपके लिए 10 रोचक विज्ञानिक तथ्यों की एक सूची प्रस्तुत करता हूँ: 1. ब्रह्मांड की उम्र लगभग 138 अरब वर्ष है। 2. अंतरिक्ष में कोई भी ध्वनि नहीं होती है, इसलिए वहाँ एक सुन्नता होती है। 3. एक तारा के टिप्पणी में तारे की वास्तविक उम्र का प्रतिशत लगभग 50 हजार होता है। 4. दुनिया के सबसे ऊचे पर्वत एवेरेस्ट है, जिसकी ऊचाई 8,848 मीटर है। 5. इंसानी शरीर में करीब 60,000 से ज्यादा विचरणकोण (विशेष चक्कर) होते हैं। 6. धूप की ऊर्जा को सौरमंडलीय ऊर्जा कहा जाता है, जो सूर्य द्वारा उत्पन्न होती है। 7. मानव शरीर में 206 हड्डियां होती हैं, जिनमें से 52 हड्डियां पैरों में होती हैं। 8. यदि आपके नाक के अंदर रहने वाले रक्तकोशिकाएं एक दम बाहर निकली जाएं, तो उनकी संख्या करीब 25 लाख होती है। 9. बायोलमिनेसेंस के जरिए कुछ जीवों के पास रोशनी की ताकत होती है, जो उन्हें रात में चमकाती है। 10. मानव शरीर में सबसे लंबी कोशिका तंत्रिका है ।